1. उत्पादन के नियम क्या होते हैं?
विभिन्न समय काल में उत्पादन के साधनों में वृद्धि करने से उत्पादन में नियमानुसार वृद्धि की प्रवृत्ति को उत्पादन के नियम कहा जाता है। अल्पकाल से संबंधित नियम कारक के प्रतिफल कहलाते हैं और दीर्घकाल से संबंधित नियम पैमाने के प्रतिफल कहलाते हैं।
2. कारक के प्रतिफल के नियम से क्या अभिप्राय है?
जब उत्पादन के एक कारक को बढ़ा दिया जाता है और बाकी कारक स्थिर होते हैं तो उत्पादन में जो प्रतिफल प्राप्त होंगे उन्हें कारक के प्रतिफल कहते हैं।
3. कारक के बढ़ते प्रतिफल से क्या अभिप्राय है?
जब स्थिर कारक के साथ परिवर्तनशील कारक की मात्रा बढ़ाने से सीमांत उत्पादन और कुल उत्पादन में वृद्धि होती है, उसे कारक के बढ़ते प्रतिफल कहते हैं।
4. कारक के समान प्रतिफल का क्या अर्थ है?
जब स्थिर कारक के साथ परिवर्तनशील कारक की मात्रा को बढ़ाने से सीमांत उत्पादन स्थिर हो जाता है और कुल उत्पादन समान दर से बढ़ता है, तब कारक के समान प्रतिफल कहलाते हैं।
5. कारक के घटते प्रतिफल का नियम क्या है?
कारकों के संयोग में एक कारक के अनुपात को जैसे-जैसे बढ़ाया जाता है, वैसे-वैसे एक सीमा के बाद सीमांत उत्पादन घटना आरंभ हो जाता है, इस नियम को कारक के घटते प्रतिफल का नियम कहा जाता है।
6. परिवर्ती अनुपात का नियम क्या होता है?
जब उत्पादन का केवल एक कारक परिवर्तनशील होता है तथा अन्य कारक स्थिर होते हैं तो उत्पादन परिवर्तनशील अनुपात में पहले बढ़ता है, फिर उसके बाद स्थिर होता है और फिर घटना आरंभ होता है, और अंत में ऋणात्मक हो जाता है। इसे कारक के परिवर्ती अनुपात का नियम कहा जाता है।
7. पैमाने के प्रतिफल से क्या अभिप्राय है?
दीर्घ काल में उत्पादन के सभी कारक परिवर्तनशील होते हैं। कोई भी कारक स्थिर नहीं होता। दीर्घकाल में सभी कारकों को एक ही अनुपात में बढ़ाकर किसी वस्तु के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। यदि सभी कारक एक ही अनुपात में बढ़ाए जाएँ तो प्रतिफल में जो परिवर्तन होगा, उसे उत्पादन के पैमाने का प्रतिफल कहेंगे।
8. पैमाने के प्रतिफल कितने प्रकार के होते हैं?
पैमाने के प्रतिफल तीन प्रकार के होते हैं:
- पैमाने के बढ़ते प्रतिफल
- पैमाने के समान प्रतिफल
- पैमाने के घटते प्रतिफल
9. पैमाने के बढ़ते प्रतिफल का क्या अर्थ है?
पैमाने के बढ़ते प्रतिफल उत्पादन की उस स्थिति को प्रकट करते हैं जिसमें यदि सभी कारकों को एक निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाए, तो उत्पादन में उससे अधिक अनुपात में वृद्धि होती है।
10. पैमाने के समान प्रतिफल से क्या अभिप्राय है?
पैमाने के समान प्रतिफल उत्पादन की उस स्थिति को प्रकट करते हैं जिसमें यदि सब कारकों को निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाए, तो उत्पादन में उसी अनुपात में वृद्धि होगी।
11. पैमाने के घटते प्रतिफल से क्या अभिप्राय है?
पैमाने के घटते प्रतिफल उत्पादन की उस स्थिति को प्रकट करते हैं जिसमें यदि सभी कारकों को निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाए, तो उत्पादन में उससे कम अनुपात में वृद्धि होती है।
12. पैमाने के प्रतिफल का नियम क्यों लागू होता है?
जब उत्पादन के पैमाने को बढ़ाया जाता है तो फर्म को कई प्रकार की बचतें प्राप्त होती हैं।
13. पैमाने की बचतें कितने प्रकार की होती हैं?
पैमाने की बचतें के दो प्रकार की होती हैं:
- पैमाने की आंतरिक बचतें
- पैमाने की बाहरी बचतें
14. आंतरिक बचतों से क्या अभिप्राय है?
फर्म को उसके विस्तार के कारण जो बचतें प्राप्त होती हैं उन्हें आंतरिक बचतें कहा जाता है।
15. बाहरी बचतों से क्या अभिप्राय है?
बाहरी बचतें वे बचतें हैं जो किसी उद्योग के विस्तार के कारण सारी फर्मों को प्राप्त होती हैं।