“उपभोग एक क्रिया है जिसके द्वारा अपनी आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं के उपयोगिता मूल्य का प्रयोग किया जाता है.”
पृथ्वी पर उपलब्ध सभी वस्तुओं में किसी ने किसी प्रकार की उपयोगिता पाई जाती है, जो मानव की आवश्यकताओं को संतुष्ट करती है. वस्तुओं में पाई जाने वाली इसी क्षमता या गुण को उपयोगिता कहा जाता है. कोई मनुष्य जब किसी अन्य मनुष्य को कोई सेवा प्रदान करता है तो उससे भी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है. इस प्रकार जब मनुष्य वस्तुओं या सेवाओं में निहित उपयोगिता का अपनी आवश्यकताओं की संतुष्टि के लिए प्रयोग करता है तो इस प्रक्रिया को उपभोग कहा जाता है.
उदाहरण के लिए:-
- जब हम भूख लगने पर भोजन करते हैं तो हम भोजन का उपभोग करते हैं.
- प्यास लगने पर जब हम पानी पीते हैं तो हम पानी का उपभोग करते हैं.
- जब हम कहीं पर यात्रा करते हैं तो हम परिवहन की सेवाओं का उपभोग कर रहे होते हैं.
- जब हम बैंक में जाकर अपना पैसा जमा कराते हैं तो हम बैंकिंग की सेवाओं का उपभोग कर रहे होते हैं.
- जब हम बीमार होते हैं और डॉक्टर को दिखाते हैं तो हम डॉक्टर की सेवाओं का उपभोग कर रहे होते हैं.
- जब हम स्कूल या कॉलेज में पढ़ते हैं तो हम अध्यापक की सेवाओं का उपभोग कर रहे होते हैं.