अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याएँ और उनके कारण (Central Problems of an Economy)

हर अर्थव्यवस्था में केंद्रीय समस्याएँ पाई जाती हैं। अर्थव्यवस्था की केंद्रीय समस्याओं का वर्णन निम्नलिखित है

1. किन वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन किया जाए और कितनी मात्रा में किया जाए:
2. उत्पादन किस प्रकार किया जाए
3. उत्पादन किसके लिए किया जाए
4. साधनों का पूर्ण उपयोग कैसे हो
5. साधनों का विकास कैसे हो

1. किन वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन किया जाए तथा कितनी मात्रा में किया जाए:

हर अर्थव्यवस्था को दो प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन करना पड़ता है, उपभोक्ता वस्तुएँ और पूंजीगत वस्तुएँ। उपभोक्ता वस्तुएँ लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाती हैं और पूंजीगत वस्तुएँ देश के जीडीपी की वृद्धि दर को बढ़ाती हैं। दोनों प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन आवश्यक है। यह अर्थव्यवस्था की संरचना पर निर्भर करता है कि कौन सी वस्तुओं का उत्पादन अधिक किया जाए और कौन सी वस्तुओं का उत्पादन कम किया जाए। उत्पादन की मात्रा तय करते समय प्रत्येक उत्पादक यह चाहता है कि उसे अधिकतम लाभ प्राप्त हो। यदि अर्थव्यवस्था में पूंजीगत वस्तुओं का अधिक उपयोग होता है तो उपभोक्ता वस्तुओं का कम उत्पादन होगा क्योंकि उत्पादन के साधन सीमित हैं।

2. उत्पादन किस प्रकार किया जाए

इस आर्थिक समस्याओं का संबंध उत्पादन की तकनीक के चुनाव से है। उत्पादन की तकनीक दो प्रकार की होती है, श्रम प्रधान और पूँजी प्रधान। श्रम प्रधान तकनीक में श्रम का उपयोग पूँजी की तुलना में अधिक होता है। ऐसे देश जिनकी जनसंख्या अधिक है वह इस तकनीक का प्रयोग करते हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सके। पूँजी प्रधान तकनीक में श्रम की तुलना में पूँजी का उपयोग अधिक किया जाता है। ऐसे देश जिन की जनसंख्या कम है और पूँजी अधिक है वे इस तकनीक का चुनाव करते हैं ताकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को बढ़ाया जा सके।

3. उत्पादन किसके लिए किया जाए

एक अर्थव्यवस्था को यह भी निर्धारित करना पड़ता है कि उत्पादन किसके लिए किया जाए। इस समस्या का संबंध उत्पादन के वितरण से है। इसके दो पहलू हैं:

व्यक्तिगत वितरण: इसका अभिप्राय यह है कि उत्पादन का समाज के विभिन्न व्यक्तियों और परिवारों में कैसे वितरण किया जाए।

कार्यात्मक वितरण: इसका संबंध यह ज्ञात करने से है कि उत्पादन के विभिन्न कारकों जैसे भूमि, श्रम, पूँजी, उद्यमी में उत्पादन का बँटवारा कैसे हो। इसका संबंध आय के वितरण की समानता से नहीं है। यदि आय का वितरण समान है तो अमीर वर्ग के लिए अधिक उत्पादन किया जाएगा और यदि असमान है तो गरीब के लिए अधिक उत्पादन किया जाएगा।

4. साधनों का पूर्ण उपयोग कैसे हो

एक अर्थव्यवस्था की अन्य समस्या यह है कि साधनों का पूर्ण उपयोग कैसे हो। उत्पादन के कारक जैसे भूमि, पूँजी, श्रम का पूर्ण उपयोग नहीं हो पाता है। लोग बेरोजगार रहते हैं। इसलिए यह प्रयास किया जाना चाहिए कि साधनों का पूर्ण उपयोग हो सके जिससे लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो सके।

5. साधनों का विकास कैसे हो

साधनों के विकास का अभिप्राय है उत्पादन क्षमता को बढ़ाना। कोई अर्थव्यवस्था तकनीकी प्रगति करके आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकती है। इसके लिए पूँजी निर्माण की भी आवश्यकता होती है ताकि प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में निरंतर वृद्धि होती रहे।

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