अर्थशास्त्र की विषय सामग्री या अर्थशास्त्र का क्षेत्र -(Subject Matter or Scope of Economics)

अर्थशास्त्र के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रैगनर फ्रिश ने अर्थशास्त्र को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा है: व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र। व्यष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री तथा समष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री का वर्णन निम्नलिखित रूप से किया जा सकता है:

व्यष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री या क्षेत्र:-

1. मांग का सिद्धांत:- किसी वस्तु की मांग किस प्रकार निर्धारित होती है, इसका अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत मांग के सिद्धांत में किया जाता है। सीमित आय से अधिकतम संतुष्टि प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता का विवेकशील व्यवहार मांग के सिद्धांत द्वारा समझा जा सकता है।

2. उत्पादन का सिद्धांत:- व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत उत्पादन के सिद्धांत का अध्ययन किया जाता है। एक फर्म उत्पादन के साधनों को एकत्रित करके उत्पादन करती है। इससे संबंधित उत्पादन के नियमों को उत्पादन के सिद्धांत कहा जाता है, जिन का अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत किया जाता है।

3. कीमत निर्धारण का सिद्धांत:- वस्तुओं की कीमतें कैसे निर्धारित होती है, इसका अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत किया जाता है। अर्थशास्त्र में बाजार की अनेक अवस्थाएँ होती है जैसे, पूर्ण प्रतियोगिता, एकाधिकार, अल्पाधिकार, अपूर्ण प्रतियोगिता आदि। इन सब अवस्थाओं में मांग और पूर्ति की दशाओं के द्वारा कीमत निर्धारण का अध्ययन किया जाता है।

4. साधन कीमत सिद्धांत:- उत्पादन की प्रक्रिया में उत्पादन के साधनों को जो भुगतान मजदूरी, ब्याज, लगान और लाभ के रूप में प्राप्त होता है, उसे साधन कीमत कहते हैं। इस साधन कीमत के निर्धारण से संबंधित समस्याओं का अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत किया जाता है।

समष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री या क्षेत्र:-

समष्टि अर्थशास्त्र की विषय सामग्री का वर्णन निम्नलिखित बिंदुओं की सहायता से किया जा सकता है:

1. राष्ट्रीय आय का सिद्धांत:- समष्टि अर्थशास्त्र में राष्ट्रीय आय से संबंधित धारणाओं और उनके मापन की विधियों का अध्ययन किया जाता है।

2. रोजगार का सिद्धांत:- समष्टि अर्थशास्त्र में पूर्ण रोजगार तथा बेरोजगारी की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है। इसमें रोजगार के निर्धारण से संबंधित तत्वों जैसे मांग, पूर्ति, उपभोग, निवेश, बचत, गुणक आदि का अध्ययन किया जाता है।

3. मुद्रा का सिद्धांत:- मुद्रा की मांग तथा पूर्ति में होने वाले परिवर्तनों का अर्थव्यवस्था तथा रोजगार पर प्रभाव पड़ता है, इसलिए समष्टि अर्थशास्त्र में मुद्रा के सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है।

4. सामान्य कीमत स्तर का सिद्धांत:- समष्टि अर्थशास्त्र में मुद्रास्फीति तथा मुद्रा अवस्फीति की धारणाओं की सहायता से सामान्य कीमत स्तर के निर्धारण का अध्ययन किया जाता है।

5. आर्थिक विकास का सिद्धांत:- किसी देश की प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में होने वाली वृद्धि से संबंधित समस्याओं का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र में किया जाता है।

6. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का सिद्धांत:- विभिन्न देशों के बीच होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन भी समष्टि अर्थशास्त्र में किया जाता है।

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